Tuesday, September 29, 2009

Yun Teri Rahaguzar Se Divanavar गुज़रे

यूँ तेरी रहगुज़र से दीवानावार गुज़रे

यूँ तेरी रहगुज़र से दीवानावार गुज़रे
कांधे पे अपने रख के अपना मजार गुज़रे

बैठे रहे हैं रस्ते में दिल का खंडहर सजा कर
शायद इसी तरफ़ से एक दिन बहार गुज़रे

बहती हुई ये नदिया घुलते हुए किनारे
कोई तो पार उतरे कोई तो पार गुज़रे

तू ने भी हम को देखा हमने भी तुझको देखा
तू दिल ही हार गुज़ारा हम जान हार गुज़रे

मीना कुमारी नाज़

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